पंडित जवाहरलाल नेहरू का जन्म 14 नवंबर, 1889 को इलाहाबाद में हुआ था।
उनके पिता पं. मोतीलाल नेहरू प्रसिद्ध बैरिस्टर (वकील) थे।
पं. नेहरू बच्चों से बहुत प्यार करते हैं इसीलिए बच्चें उन्हें ‘‘चाचा नेहरू‘‘ कहकर भी सम्बोधित करते हैं।
इसीलिए उनके जन्मदिवस 14 नवम्बर को ‘‘बाल दिवस‘‘ के रूप में मनाया जाता है।
पं. नेहरू की शादी सन् 1916 में कमला नेहरू से हुई तथा एक साल बाद बेटी इंदिरा का जन्म हुआ जो आगे चलकर भारत की पहली महिला प्रधानमंत्री बनी।
दिल्ली के लाल किले से तिरंगा झंडा फहराने वाले प्रथम व्यक्ति पं. नेहरू थे।
पं. नेहरू के नाम पर दिल्ली के “जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय” की स्थापना की गई है।
फरवरी, 1950 में राजस्थान के पिलानी जिले में जवाहरलाल नेहरू के स्वागत में हरी सब्जियों का “स्वागत द्वार” बनाया गया था जिससे जवाहरलाल बहुत नाराज हुए थे और उन्होंने सारी सब्जियां गरीबों में बटवा दी थी।
गांधी जी ने जब विदेशी वस्तुओं का बहिष्कार करना शुरू किया तो पं. नेहरू को भी अपना पसंदीदा विदेशी कोट त्यागना पड़ा। उसके बाद उन्होंने खादी के कोट पहनना प्रारम्भ कर दिया।
पंडित नेहरू विश्व में शांति स्थापित करना चाहते थे। उन्हें “शांति दूत” भी कहा जाता है।
उन्होंने “डिस्कवरी ऑफ इंडिया” नामक पुस्तक लिखी थी जो कि काफी चर्चित और लोकप्रिय है।
जवाहरलाल नेहरू को देश के प्रति उनकी सेवाओं के लिए 1955 में भारत के सर्वोच्च सम्मान “भारत रत्न” से सम्मानित किया गया था।
पंडित नेहरू की मृत्यु 27 मई, 1964 को हार्ट अटैक से हुई थी। उनके अंतिम संस्कार के लिए 15 लाख से अधिक लोग शामिल हुए थे।
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