कोविड एप्रोप्रिएट बिहेवियर क्या है
कोविड एप्रोप्रिएट बिहेवियर भारत व पुरे विश्व में कोरोना वायरस की दूसरी लहर बड़ी तेजी से फैल रही है। कोरोना वायरस की वैक्सिन भी आ गई हैं। यह कोरोना के इंफेक्शन की गंभीरता से आपको बचाती है। इससे लोगों की जान तो बच सकती है, लेकिन क्या कुछ ही दिनों में सभी देशवासियों को वैक्सिन लगा सकते हैं ? नहीं। यह मुमकिन नहीं है।
हम कह सकते है कि ट्रांसमिशन चेन को रोकने में अभी वैक्सिन की भूमिका सीमित है। इस ट्रांसमिशन चेन को तोड़ने के लिए अब हम लोगों को सही तरीके से सी.ए.बी. यानि कोरोना एप्रोप्रिएट बिहेवियर का पालन करना होगा।
ये कोरोना एप्रोप्रिएट बिहेवियर क्या है, आइये जानते है। कोरोना एप्रोप्रिएट बिहेवियर वहीं है जो हमने पिछले साल कोरोना से बचने के लिए फोलो किया था। लेकिन इस साल के आते-आते हमने उसमें लापरवाही कर दी जिसका परिणाम हमारे सामने है।
- घर से बाहर निकलने पर मास्क लगाए l
- सबसे दो गज की दूरी बनाये रखें।
- अपने हाथ बार-बार साबुन से धोंये।
- सेनेटाइजर का इस्तेमाल करें।
- भीड़ भरी जगह पर ना जाये। अगर जाना पड़े तो डबल मास्किंग करना चाहिए।
- घर पर अगर कोई मेहमान आये तो भी हमें अपना सी.ए.बी. यानि कोरोना एप्रोप्रिएट बिहेवियर नहीं भूलना है।
- कोई भी आये हमें डबल मास्किंग का प्रयोग करना ही है।
- अनावश्यक यात्रा को टाले।
- ऐसा करने के लिए हमें अपने परिवार के सभी सदस्यों के साथ-साथ आस-पास के लोगों को भी कहना चाहिए।
- जरा लक्षण दिखने पर स्वयं को आइसोलेट करें।
- यदि आप टेस्ट में पॉजिटिव आते हैं तो डॉक्टर के बतायें अनुसार इलाज करवायें।
- अधिक गंभीर रोगियों को ही अस्पताल में भर्ती करायें।
सरकार अपना कार्य कर रही है लेकिन सरकार से ज्यादा दायित्व हम सबका है। अगर हमनें 15 – 20 दिन लगातार इस कोरोना एप्रोप्रिएट बिहेवियर को फोलो कर लिया तो हम एक महीनें के अन्दर इस लहर को रोकने में कामयाब हो सकते है। कोरोना वायरस किसी व्यक्ति या क्षेत्र विशेष पर प्रभावी नहीं है। ये सभी प्रकार के लोगों को चाहे अमीर हो या गरीब, छोटा हो या बड़ा अपना निशाना बना रहा हैं। तो हमें भी मिलजुलकर इस परिस्थिति का सामना करना होगा।
तो आईये आज हम ये निश्चय करते हैं की हम कोरोना एप्रोप्रिएट बिहेवियर फोलो करेंगे और वायरस को जड़ से खत्म करेंगे।
जयहिन्द!