मजदूर दिवस पर महात्मा गाँधी जी के विचार/अंतरराष्ट्रीय श्रमिक दिवस स्लोगन

मजदूर दिवस पर महात्मा गाँधी जी के विचार

मजदूर जिसे हम श्रमिक भी कहते हैं। मजदूर जो अपने कड़े श्रम से पारिश्रमिक कमाता है और अपनी आजीविका चलाता है l उसी मजदूर को समर्पित है यह एक दिन जिसे हम लेबर डे के नाम से जानते है l आज इस पोस्ट में हम मजदूर दिवस पर महात्मा गाँधी जी के विचारो के बारे में जानेगे l एक मई को दुनिया के कई देशों में अंतरराष्ट्रीय श्रमिक दिवस (International Labour Day) मनाया जाता है। इन दिन को लेबर डे, मई दिवस और श्रमिक दिवस भी कहा जाता है। ये दिन पूरी तरह मजदूरों को समर्पित है। ये दिन मजदूरों के सम्मान, उनकी एकता और उनके अधिकारों के समर्थन में मनाया जाता है। इस दिन दुनिया के कई देशों में छुट्टी होती है। इस मौके पर मजदूर संगठनों से जुड़े लोग रैली व सभाओं का आयोजन करते हैं लेकिन इस वर्ष इस तरह का कोई आयोजन नहीं होगा क्योंकि कोरोना वायरस के कारण कई जगहों पर लॉकडाउन की स्थिति बनी हुई है l जानते है श्रम के ऊपर गांधीजी के विचार :



महात्मा गाँधी जी के विचार

कर्म ही पूजा है। ~ महात्मा गाँधी

हो सकता है आप कभी ना जान सकें कि आपके काम का क्या परिणाम हुआ, लेकिन यदि आप कुछ करेंगे नहीं तो कोई परिणाम नहीं होगा।~ महात्मा गाँधी

थोडा सा अभ्यास बहुत सारे उपदेशों से बेहतर है।~ महात्मा गाँधी

कुछ लोग सफलता के सपने देखते हैं जबकि अन्य व्यक्ति जागते हैं और कड़ी मेहनत करते हैं।~ महात्मा गाँधी

आप आज जो करते हैं उस पर भविष्य निर्भर करता है।~ महात्मा गाँधी

तुम जो भी करोगे वो नगण्य होगा, लेकिन यह ज़रूरी है कि तुम वो करो।~ महात्मा गाँधी

गर्व लक्ष्य को पाने के लिए किये  गए प्रयत्न में निहित है, ना कि उसे पाने में। ~ महात्मा गाँधी

अपने से हो सके, वह काम दूसरे से न कराना।~ महात्मा गाँधी

काम की अधिकता नहीं, अनियमितता आदमी को मार डालती है।~ महात्मा गाँधी

समाज में गरीबों के सहयोग के बिना अमीर कभी भी धन संचय नहीं कर सकते – महात्मा गांधी

अपने से हो सके, वह काम दूसरे से न कराना।~ महात्मा गाँधी

काम की अधिकता नहीं, अनियमितता आदमी को मार डालती है।~ महात्मा गाँधी

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